सीएम ने प्रवासियों के लिए गाई कविता । विदाई की बेला आ गई है इंदौर की और मध्य प्रदेश के पावन स्मृतियों को लेकर विदा जब तुम चले जाओगे तो याद बहुत आओगे तुम बिन लगेगा कन्वेंशन सेंटर सूना सूना तुम बिन लगेगी 56 दुकान सूना सूना तुम बिन लगेगा सर्राफा सूना सूना तुम बिन लगेगा इंदौर सूना सूना तारों को आँखों में महफूज रखना बड़ी दूर तक रात ही रात होगी मुसाफिर हो तुम भी मुसाफ़िर हैं हम भी किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी।
इंदौर में 3 दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन का मंगलवार को समापन हो गया। आयोजन के अंतिम दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 27 प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना से काम में लगा है।
आज कई चुनौतियां हैं, भारत विश्व के साथ मिलकर इनसे निपटने में लगा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दूसरे दिन भी हाथ जोड़कर प्रवासी भारतीयों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि असुविधा हुई तो हमें क्षमा कीजिए। केंद्रीय मंत्री एस। जयशंकर प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया।
मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपति, केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, एमपी के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हर क्षेत्र में भारतीय एक ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरा समुदाय है।
यहां तक कि विश्व की लीडरशिप पोजीशन पर भी है। कठिन परिश्रम से हमने जीवन के हर क्षेत्र में चुनौतियों के बीच उपलब्धियां हासिल की हैं। कला, साहित्य, व्यापार और विज्ञान-प्रौद्योगिकी हर क्षेत्र में ऐसा है। भारत और भारत के बाहर की उपलब्धियों की प्रशंसा के लिए ये मंच नहीं है। बल्कि ये भारत के उस विश्वास को परिलक्षित करता है जिसमें ये विश्वास समाहित है कि हम ऊंची उड़ान भर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि जिन प्रवासी भारतीयों को सम्मान मिला उन्हें शुभकामना देती हूं और कामना करती हूं कि ये भविष्य में आपको महान उपलब्धियों के लिए प्रेरित करेगा। अंतिम दो दशक में प्रवासी भारतीय सम्मेलन आपके और भारत के बीच संवाद का बेहतर माध्यम बनकर उभरा है। जैसा कि आप जानते हैं कि आजादी का अमृत महोत्सव आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाया जा रहा है।
ये उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने देश की तरक्की के लिए अब तक अहम योगदान दिया और उन्होंने हमारे विजन आत्मनिर्भर भारत के लिए काम किया। अमृत काल में प्रवासी भारतीय विश्वसनीय सहयोगी हैं। हमारी सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पहल पर प्रवासियों के हित में काम करने को प्रतिबद्ध है।
सीएम शिवराज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इस आयोजन को लेकर मन भावविभोर है, प्रसन्नता से भरा है, लेकिन उदासी भी है, क्योंकि अब आप जाने वाले हैं। सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि तीन दिन आनंद, उत्सव और उमंग के रहे, 3 दिन कैसे कटे पता ही नहीं चला। अब मन ये सोच कर भारी हो रहा है कि आप चले जाओगे, यहीं रह जाओ ना.सीएम शिवराज सिंह ने शायरी भी कही।
सीएम शिवराज सिंह ने प्रवासी भारतीयों को हुई असुविधा के लिए दूसरे दिन भी हाथ जोड़कर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि असुविधा हुई तो हमें क्षमा कीजिए, हमारे प्यार को दिल में रखकर जाएं। पीएम मोदी की लोकप्रियता ही इतनी है कि हॉल छोड़ा पड़ गया, लेकिन हमारे दिल बड़े हैं।
उन्होंने कहा कि जब तुम चले जाओगे तो याद बहुत आओगे, तुम बिन इंदौर सूना-सूना लगेगा. सीएम शिवराज सिंह ने प्रवासी भारतीयों से अपील की है कि विदेश में भारतीय छात्र-छात्राओं के लिए एक हैल्प डेस्क बनाएं। जहां उनकी हर समस्या का समाधान हो जाए. सीएम ने कहा कि हमने फ्रेंड्स ऑफ एमपी पोर्टल बनाया है, जहां आप अपने प्रस्ताव, सुझाव दे सकते हैं। वहां आपको फौरन रिस्पॉन्स मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारे प्रवासी भारतीयों ने देश का नाम दुनिया में रोशन किया है। किसी भी व्यक्ति की पहचान उनकी माटी और उसके देश से होती है। भारत का कोई भी सबूत, कोई भी पुत्र-पुत्री, विश्व के किसी भी कोने में रहे हों, वो भारत का सपूत पुत्र-पुत्री कभी भी भारतीयों से जुदा नहीं हो सकते। हमारे भारत की जनसंख्या 135 करोड़ नहीं, 138 करोड़ है, जिसमें 3 करोड़ हमारे प्रवासी भारतीय शामिल है।
इजरायल की सेलिब्रिटी शेफ़ और बिजनेसमैन रीना विनोद पुष्करणा ने कहा कि इंदौर बहुत ही सुंदर शहर है। वे बार बार यहां आना चाहेंगी। भारत और इजरायल के संबंधों पर बात करते हुए वह बोलीं कि इजराइल की तकनीकों को भारत को अधिक से अधिक अपनाना चाहिए। वहां की आर्मी में तकनीकों का जो प्रयोग होता है वह निश्चित ही भारतीय सेनाओं को और मजबूत बनाएगा। भारत हर स्तर पर सशक्त है। भारत और इजराइल संबंध भविष्य में और भी बेहतर बनेंगे। यहां तक कि भारत के संबंध दुनियाभर में बेहतर होंगे क्योंकि भारत हर क्षेत्र में उभरता जा रहा है।
सिंगापुर में डीपीएस ग्रुप के सीईओ और डायरेक्टर पीयूष गुप्ता ने कहा कि उनका बैंक भारत में बहुत निवेश कर चुका है। भविष्य में भी निवेश की बड़ी योजनाएं हैं और बड़ी संख्या में उनका ग्रुप यहां पर रोजगार देगा उन्होंने कहा कि आने वाला दशक अब भारत का है।
भूटान में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर संजीव मेहता ने कहा कि सम्मेलन में जो भी बातें हुई यदि उन पर अमल किया जाए तो निश्चित ही भारत को महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता अब आने वाला समय भारत का है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 27 NRI को किया सम्मानित।
1. प्रो. जगदीश चेन्नुपति, ऑस्ट्रेलिया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी / शिक्षा
2. प्रो. संजीव मेहता, भूटान, शिक्षा
3. प्रो. दिलीप लौंडो, ब्राज़िल, कला और संस्कृति / शिक्षा
4. डॉ अलेक्जेंडर मलाइकेल जॉन, ब्रूनेइ्र दारएस्सलाम, दवा
5. डॉ वैकुंठम अय्यर लक्ष्मणन, कनाडा, सामुदायिक कल्याण
6. जोगिंदर सिंह निज्जर, क्रोएशिया, कला और संस्कृति / शिक्षा
7. प्रो. रामजी प्रसाद, डेनमार्क, सूचान प्रौद्योगिकी
8. डॉ कन्नन अम्बलम, इथियोपिया, सामुदायिक कल्याण
9. डॉ. अमल कुमार मुखोपाध्याय, जर्मनी, सामुदायिक कल्याण/चिकित्सा
10. महामहिम डॉ. मोहम्मद इरफान अली, गुयाना, राजनीति/सामुदायिक कल्याण
11. रीना विनोद पुष्करणा, इजराइल, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
12. डॉ. मकसूदा सरफी श्योतानी, जापान,शिक्षा
13. डॉ. राजगोपाल, मेक्सिको, शिक्षा
14. अमित कैलाश चंद्र लठ, पोलैंड, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
15. परमानंद सुखुमल दासवानी, कांगो गणराज्य, सामुदायिक कल्याण
16. पीयूष गुप्ता, सिंगापुर, व्यवसाय
17. मोहनलाल हीरा, दक्षिण अफ्रीका, सामुदायिक कल्याण
18. संजयकुमार शिवभाई पटेल,दक्षिण सूडान, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
19. शिवकुमार नदेसन, श्रीलंका, सामुदायिक कल्याण
20. डॉ. देवनचंद्रभोज शरमन, सूरीनाम, सामुदायिक कल्याण
21. डॉ अर्चना शर्मा, स्विट्ज़रलैंड, विज्ञान प्रौद्योगिकी
22. न्यायमूर्ति फ्रैंक आर्थर सीपरसाद, ट्रिनिडाड और टोबैगो,सामुदायिक कल्याण / शिक्षा
23. सिद्धार्थ बालचंद्रन, संयुक्त अरब अमीरात,व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
24. चंद्रकांत बाबूभाई पटेल, यूके, मीडिया
25. डॉ. दर्शन सिंह धालीवाल, अमेरीका, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
26. राजेश सुब्रमण्यम, अमेरीका, व्यवसाय
27. अशोक कुमार तिवारी, उज़्बेकिस्तान, व्यवसाय